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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाजपा कार्यालय पर हुई संगोष्ठी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाजपा कार्यालय पर हुई संगोष्ठी

हरदोई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती पर भाजपा जिला कार्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला प्रभारी शंकर लाल लोधी, विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय उपाध्यक्ष  अमित गुप्ता और जिला अध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यकर्ताओं के साथ अटल जी की स्मृतियों को साझा किया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी शंकर लाल लोधी ने कहा कि अटल जी का विराट व्यक्तित्व इतना सरल और सहज था कि उनके जीवन में आए कठोर संघर्षों को भी नतमस्तक होना पड़ता था। भारत को विश्व गुरु बनाने की जो नींव अटल जी ने रखी थी आज उस नींव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में बुलंद इमारत खड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में बीजेपी की सरकारें आयोजित कर रही हैं और अटल जी का स्मरण कर रही हैं। वही संगठन और उसका एक एक कार्यकर्ता उनके मूल्यों के प्रति पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ते हुए संकल्प लेकर भारत को श्रेष्ठ बनाने में अपना योगदान दे रहा है।

उन्होंने बताया कि अटल जी ने कांग्रेस के परिवारवाद और भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े होकर भाजपा की नीतियों से जनमानस को रूबरू कराया जिसका परिणाम 1996 के आम चुनाव में देखने को मिला। यह उनके और लाखों कार्यकर्ताओं के दिव्य परिश्रम का परिणाम था कि भाजपा देश के राजनैतिक इतिहास में सर्वप्रथम केंद्र की गद्दी पर आसीन हुई। लेकिन यह  विजय पथ पर मिले अनेकों संघर्षों पर विजय पाने के बाद मिली। अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए वह प्रधानमंत्री बने थे। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।

अटल जी का जितना विराट व्यक्तित्व था उतना ही बड़ा दिल था। 24 दलों को साथ लेकर सरकार चलाना, विभिन्न विचारधारा रखने वाले दलों को एक साथ लेकर चलना किसी सामान्य नेता के बस की बात नहीं थी। अटलजी की जब तेरह महीने की सरकार गिर रही थी, तब विपक्ष में बैठे लोगों ने ताने मारे थे कि अटल जी ने सत्ता के लिए धारा 370, राममंदिर निर्माण, तीन तलाक को समाप्त करना, समान नागरिक संहिता जैसे अपने विचारधारा के विषय भूलकर एनडीए से समझौता कर लिया। प्रधानमंत्री के नाते अटलजी ने सदन में जवाब दिया था कि राष्ट्रपति द्वारा सबसे बड़ा दल होने के नाते हमें सरकार बनाने के लिए बुलाया गया, तो हमने न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया था, ताकि देश पर पुन: चुनाव का भार न पड़े और अच्छी सरकार दे सकें, लेकिन विपक्ष की ओर देख कर अटल जी ने कहा, एक बात समझ लीजिए, जिस दिन हम बहुमत में आएंगे, उस दिन न धारा 370 रहेगी, न राममंदिर का विवाद, न हम तीन तलाक और न समान नागरिक संहिता को छोड़ेंगे।

उन्होंने अटल जी की कविता की एक रचना साझा की –

हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय!

मैं तेज पुंज, तमलीन जगत में फैलाया मैंने प्रकाश।

जगती का रच करके विनाश, कब चाहा है निज का विकास?

शरणागत की रक्षा की है, मैंने अपना जीवन दे कर।

विश्वास नहीं यदि आता तो साक्षी है यह इतिहास अमर।

संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि अटल जी का जीवन पार्टी और देश के लिए समर्पित रहा। उन्होंने कभी पद की लालसा नहीं रखी। प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति ने एक सेकंड भी नहीं सोचा और पद से इस्तीफा दे दिया, अगर चाहते तो एक वोट क्या 100 वोट उनकी झोली में गिर जाते, लेकिन उन्होंने जीवन भर जिन मूल्यों और आदर्शों का पालन किया उससे समझौता करना उचित नहीं समझा। यह उनके ही पुण्य कर्मों का फल है जो आज भाजपा सरकार जन जन के विश्वास के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की ओर अग्रसर है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच अटल जी की एक रचना “बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं,

 पांवों के नीचे अंगारे,

सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, 

निज हाथों से हंसते-हंसते,

आग लगाकर जलना होगा।

कदम मिलाकर चलना होगा।

को सुनते हुए कहा कि हम सभी एक लक्ष्य को पूर्ण करने में लगे हुए है, वह है भारत को श्रेष्ठ बनाना श्रेष्ठ बनाना इसके लिए हमें एक साथ चलना होगा। जाति, अगड़ा, पिछड़ा जैसे विपक्ष के बनाए मुद्दों में न उलझते हुए मिशन मोड पर विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करना है। 

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि अटल जी ने ऐसी सरकार का सपना देखा था जिसमें सभी वर्गों को बिना किसी भेद भाव के आगे बढ़ने का मौका मिले। राम मंदिर, धारा 370 जैसे मुद्दों पर उनकी विचार देश थे, मजबूरी वश जो काम उस समय पूरे न हो सके उसे भाजपा की मौजूदा सरकार ने करके दिखा दिया। एक समय था जब यही कांग्रेस पार्टी थी जो भाजपा पर कटाक्ष करती थी कि चढ्ढी वाले सरकार बनाएंगे। अटल जी ने उनके कटाक्ष को अपना प्रण बनाया और भाजपा को केंद्र की सत्ता पर बैठाया। आज उन्हीं के दिखाई रास्तों पर पार्टी आगे बढ़ रही है। संचालन आईटी जिला संयोजक सौरभ सिंह गौर ने किया

संगोष्ठी में प्रमुख रूप से पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा राम बहादुर सिंह नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र मधुर जिला उपाध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री कर्मवीर सिंह चौहान संदीप सिंह संजय सिंह गुड्डू प्रीतेश दीक्षित विनोद राठौड जिला महामंत्री अनुराग मिश्रा सत्येंद्र राजपूत ओम वर्मा जिला मंत्री अविनाश पांडे अजय शुक्ला राम नंदिनी नीतू चंद्रा जय देवी राजपूत जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक कार्यालय मंत्री अतुल सिंह से मीडिया प्रभारी परेश गुप्ता मोर्चा जिलाअध्यक्ष नगर अध्यक्ष सहित नगर टीम मौजूद रही।

सुधांशु मिश्र

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