दोषी अभियुक्तों में सगे भाई एवं पति पत्नी शामिल
हरदोई। नाबालिग बालिका के अपहरण एवं दुष्कर्म से संबंधित मुकदमे में दोष दोष सिद्ध पाए जाने अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह ने एक महिला सहित पांच अभियुक्तों को अर्थदंड के साथ अलग-अलग अवधि के कारावास की सजा से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमलेंद्र सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार वादिनी मुकदमा की 15 वर्षीय पुत्री का वादिनी का बहनोता राजेश और बिस्सू उर्फ दीपक 16 मार्च 2010 को रात 8:00 बजे अपहरण कर ले गए थे। वादिनी के अनुसार इस घटना में रामचंद्र का भी हाथ था और उसी के इशारे पर घटना कारित की गई थी। वादिनी ने घटना की रिपोर्ट थाने पर दर्ज करने का प्रयास किया लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। इसके बाद वादिनी ने न्यायालय की शरण ली और न्यायालय के आदेश पर 13 सितंबर 2010 को रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद अंततः रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की, हालांकि बालिका की बरामदगी में 3 साल 4 माह लग गए। पुलिस द्वारा इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र प्रेषित किया गया। वाद विचारण के बाद विद्वान न्यायाधीश ने अभियुक्त मकरंद एवं अहिबरन को दोष मुक्त कर दिया जबकि अभियुक्त बिस्सू उर्फ दीपक पुत्र रामचंद्र निवासी कटरा सरदारगंज थाना शाहाबाद, पिंटू पुत्र भगवान दास निवासी कटरा मॉल मौलागंज थाना शाहाबाद को भारतीय दंड संहिता की भिन्न-भिन्न धाराओं में दस दस हजार रुपए के अर्थ दंड के साथ 10 वर्ष के कारावास की सजा दी। इसके अतिरिक्त राजेश कुमार पुत्र हीरालाल निवासी अल्लपुर सैदी खेल थाना शाहाबाद व विद्यासागर पुत्र छक्के उर्फ भगवानदास को भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं में पांच पांच हजार रूपए के अर्थदंड के साथ 4 वर्ष के कारावास की सजा दी। अपराध में शामिल एकमात्र महिला गीता को विकलांग एवं महिला होने के आधार पर रियायत देते हुए विद्वान न्यायाधीश ने उसे भारतीय दंड संहिता की भिन्न-भिन्न धाराओं में पांच हजार रुपए के अर्थदंड के साथ 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।