शाहाबाद हरदोई। उधरनपुर रामलीला में रावण वध लीला मंचन किया गया। रावण दहन के साथ रामलीला का समापन हो गया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के हाथों से रावण का वध हुआ और उसके विशालकाय पुतले में उसके भाई विभीषण ने आग लगा दी। जैसे ही रावण का पुतला धू धू करके जला वैसे ही मेला मैदान में गगन भेदी जय श्री राम के नारे लगने लगे। मेहमान कलाकारों द्वारा पिछले दो सप्ताह से उधरनपुर रामलीला मैदान में लीलाओं का मंचन किया जा रहा था। रविवार की रात रावण वध लीला का मंचन किया गया। लीला मंचन में कलाकारों ने गजब का प्रदर्शन किया। काफी देर तक राम और रावण का युद्ध चलता रहा लेकिन रावण की मौत नहीं हो रही थी। तब विभीषण ने भगवान राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत है। उसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने नाभि पर बाण छोड़ें जिससे रावण का वध हुआ और वह जमीन पर गिर पड़ा। रावण के गिरते ही मेला मैदान में जय श्री राम के नारे गूंजने लगे। इसके बाद रावण के भाई विभीषण ने रावण के विशालकाय पुतले को अग्नि दी। पुतला धू धू करके जल उठा। जितनी देर पुतला जलता रहा उतनी देर गगन भेजी जय श्री राम के नारे लगते रहे। मेला मैदान में पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के के इंतजाम किए गए। इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष अतुल अग्निहोत्री, श्री प्रकाश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में मेला कमेटी के पदाधिकारी और सदस्य भी मौजूद रहे।