द मिलियन फार्मर्स किसान पाठशाला एवं ग्राम पंचायत स्तरीय गोष्ठी का आयोजन विकास खण्ड बावन के ग्राम बावन में किया गया। किसान पाठशाला का शुम्भारभ ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में डॉ नन्द किशोर, उप कृषि निदेशक, हरदोई द्वारा किया गया। किसान पाठशाला में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर, प्रभारी, रा०कृ०बी०भण्डार एवं अन्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहें। उप कृषि निदेशक ने किसानों को खेती किसानी की उन्नत तकनीकी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसान भाई अपने खेत की गहरी जुताई करे और उँचा की हरी खाद की बुवाई करे। धान की रोपाई 10 जुलाई से पहले और लाइन से करे। इसके लिए जरूरी कि उन्नतशील प्रमाणित बीजों की खेती अवश्य करे। उन्नतशील एवं प्रमाणित धान की प्रजाति पी०आर०-126, पन्त-24, एस०आई०वाई०ए०टी०एस० के बीज एवं संकर बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर जनपद के सभी बीज भण्डारों पर उपलब्ध है। उन्होने किसानों को यह भी बताया कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए गोबर की खाद का प्रयोग करे। खेती किसानी के साथ-साथ सब्जी की खेती और पशुपालन से किसानों की आमदनी दोगुनी होती है और हर समय किसान के पास काम रहता भी रहता है। सोलर पम्प हेतु जनपद को 1215 के लक्ष्य प्राप्त हुए है। किसान भाई खेत की कम लागत में सिंचाई हेतु सोलर पम्प की पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग करके अपने प्रक्षेत्र पर सोलर पम्प की स्थापना करा सकते है।
जानें कौन किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत नहीं है
उप कृषि निदेशक द्वारा किसान सम्मान निधि योजना में बताया गया कि जिन किसानों भूलेख सत्यापन, आधार सीडिंग, एवं ईकेवाई नहीं है। वह अपने विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर जाकर या अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के कर्मचारी के सहयोग से करा सकते है। जिन किसानों के पास विरासत के आधार भूमि आयी है या 01 फरवरी 2019 से पूर्व की भूमि है और वह किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत नहीं है। ऐसे किसान अपना पंजीकरण जनसेवा केन्द्र पर जाकर करा सकते है और पंजीकरण कराने के उपरान्त घोषणा पत्र भरकर राजकीय कृषि बीज भण्डार पर जमा कर दे, जिससे उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो सके। इस योजना में परिवार में पति-पत्नी में से एक सदस्य को योजना का लाभ प्राप्त होगा। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर अन्य सरकारी कर्मचारी एवं आयकरदाता इस योजना के लिए अपात्र है। मानव एवं पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती एवं श्रीअन्न की खेती करने की भी जानकारी दी। फसल प्रबन्धन के लिए किसानों को बताया गया कि वह फसल अवशेष को डिकम्पोजर के माध्यम सड़ाकर खेत में ही खाद बना सकते। किसान पाठशाला में उपस्थित प्रगतिशील कृषक श्री इरशाद खाँ एवं श्री फुरकान खाँ द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा 03 एकड में धान, मूंगफली, आलू, खीरा एवं मेंथा की खेती कर अधिक आमदनी प्राप्त की जा रही है। प्रगतिशील कृषक द्वारा अन्य को भी खेती करने लिए प्रेरित किया। किसान पाठशाल में लगभग 100 किसानों ने प्रतिभाग किया। ये पाठशालायें जनपद के 154 ग्राम पंचायतों में आयोजित की जा रही है। यह पाठशाला दो दिवसीय रहेगी तथा दिनांक 18 जून, 2024 तक आयोजित की जायेगी।