पाली, हरदोई। युवराज सिंह हत्याकांड को लेकर पाली कस्बा सहित क्षेत्र में काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है, हर कोई युवराज के हत्यारोपियों पर गैंगस्टर, रासुका की कार्रवाई करने और उनके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहा है। प्रशासन ने भी युवराज सिंह के एक हत्यारोपी के मकान संबंधी कागजात खंगालने सहित अन्य कबायात शुरू कर दी है। जल्द ही एक हत्यारोपी पर बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है। इसको लेकर मंगलवार को एसडीएम ने नगर पंचायत कार्यालय से मकान का ब्यौरा लिया एवं पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता द्वारा मकान का मुआयना भी किया गया है।
आपको बता दें कि बीती 30 को पाली कस्बे के मोहल्ला बिरहाना स्थित निर्माणाधीन पुलिस चौकी के पास छात्रों के दो गुटों में हुए विवाद के बाद विशेष समुदाय के आरोपियों ने क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव निवासी इन्टरमीडिएट के छात्र युवराज सिंह उर्फ यूवी ठाकुर को गोली मार दी थी, जिसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई। मृतक की युवराज सिंह के ताऊ की तहरीर पर पुलिस ने जुबैर, अदनान व जुनैद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया और अगले दिन ही पाली कस्बे में युवराज हत्याकांड को लेकर आक्रोश चरम पर पहुंच गया, आक्रोशित लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने एक सुर में आरोपियों के एनकाउंटर, घर पर बुलडोजर चलाने और गैंगस्टर व रासुका की कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस एवं प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद उग्र लोग कस्बे की विभिन्न गलियों में निकले और जमकर उपद्रव व तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने 11 नाम 50 से 60 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने कुछ ही घंटे बाद रात को कस्बे के मोहल्ला मलिकाना निवासी कामरान के साथ लौकाह पुलिया के पास एक बंद पड़े भठ्ठे पर मुठभेड़ होने की बात कही और बताया कि आरोपी कामरान को मुठभेड़ में टांग में गोली लगी है तथा उसके चार अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने सभी पांचो आरोपियों को अगले दिन न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इतनी कार्रवाई होने के बाद करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह वीरू और क्षेत्रीय बसपा नेता राजवर्धन सिंह राजू मृतक युवराज सिंह के गांव इस्माइलपुर पहुंचे और यहां उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की एवं बिना अनुमति जनसभा की। जनसभा में करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह व राजवर्धन सिंह द्वारा कुछ विवादित बयान भी दिए गए। वीर प्रताप सिंह ने 6 जून तक आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने और गैंगस्टर व रासुका की कार्रवाई करने का प्रशासन को अल्टीमेटम दिया। हालांकि डीएम मंगला प्रसाद सिंह के निर्देश पर इसके एक दिन पहले ही युवराज सिंह के एक हत्या के आरोपी के मकान से संबंधित दस्तावेज जांचने का निर्देश एसडीएम सवायजपुर को दिया जा चुका था। पुलिस ने बसपा नेता राजवर्धन सिंह व सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ बिना अनुमति जुलूस निकालने, उपद्रव करने, आचार संहिता उल्लंघन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया। करणी सेना प्रमुख ने 6 जून के अल्टीमेटम को बढ़ाकर 10 जून कर दिया। 11 जून यानी मंगलवार को उच्च अधिकारी के निर्देश पर एसडीएम ने पाली के नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर युवराज सिंह के एक हत्यारोपी के मकान से संबंधित दस्तावेज खंगाले तथा लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता गोपी चंद ने मोहल्ला बाजार पहुंचकर मकान का मुआयना भी किया। उप जिलाधिकारी सवायजपुर अरुणिमा श्रीवास्तव और अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत पाली जयप्रकाश सिंह यादव व एक अन्य प्रशासनिक कर्मचारी कार्यालय में पड़ताल की। एसडीएम ने मकान के गृह कर, मानचित्र संबंधित दस्तावेज लिए हैं। उधर दूसरी तरफ करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवाहन पर बसपा नेता राजवर्धन सिंह राजू व करणी सेना के जिलाध्यक्ष अनुज सिंह पाली आ रहे थे, जिन्हें पुलिस एवं प्रशासन द्वारा निजामपुर पुलिया पर रोक लिया गया, जहां उन्होंने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह को मल्लावां में ही पुलिस एवं प्रशासन ने रोक लिया। निजामपुर पुलिया पर पुलिस एवं राजवर्धन सिंह के बीच झड़प हो गई, पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया और राजवर्धन सिंह समेत पांच लोगों को गिरफ्तार करके वज्र वाहन से थाना मझिला भेज दिया। अन्य कथित उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले दाग कर व डंडे मारकर मौके से खदेड दिया। इसके बाद देर रात को बसपा नेता राजवर्धन सिंह सहित 28 नामजद व डेढ़ सौ से दो सौ अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। नामजदगी में भी दोपहर से देर रात तक माथापच्ची चलती रही। बुधवार को पुलिस ने बसपा नेता राजवर्धन सिंह, मीडिया प्रभारी आमिर मंसूरी और प्राइवेट बाउंसर को न्यायालय में पेश किया। फिलहाल प्रशासनिक तैयारी से ऐसा महसूस हो रहा है कि जल्द ही युवराज सिंह के एक हत्यारोपी पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।