जीवन जीने की कला श्री राम कथा सिखाती है:-योगेश दीक्षित
टड़ियावां/हरदोई
विकासखंड टड़ियावां की ग्राम पंचायत बहोरवा में समस्त ग्राम वासियों के सौजन्य से बाबा सुकदेव आश्रम में विगत वर्षों की भांति होती आ रही श्रीमद्भागवत कथा के क्रम में इस बार भी बारवां श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक का आयोजन चल रहा है।
आपको बताते चलें श्री शुकदेव आश्रम बहोरवा में चल रही सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस तिलहर शाहजहांपुर से पधारें श्रीराम कथा रसिक पंडित योगेश दीक्षित जी महाराज ने विश्वामित्र यज्ञ रक्षा की पावन कथा सुनाई। कथा व्यास ने बताया कि पुरुषार्थ को भी भगवत कृपा की आवश्यकता पड़ती है। विश्वामित्र जी को जब राक्षसों ने सताया तो उन्हें लगा भगवत कथा के बिना निशाचरों का संघार करना कठिन कार्य है। संतों को साथ में लेकर विश्वामित्र जी अयोध्या में गए और दशरथ से राम लक्ष्मण को मांग कर सिद्ध आश्रम पर आते समय रास्ते में ताड़का राक्षसी का संहार किया रात्रि विश्राम के बाद अगले दिवस श्री राम लक्ष्मण ने विश्वामित्र की यज्ञ रक्षा की और 60000 निशाचारों का संघार किया। जनकपुर जाते समय रास्ते में अहिल्या का उद्धार किया और गंगा जी का विधिवत पूजन किया। कथा व्यास ने बताया श्री राम कथा अतीत की घटनाओं पर आधारित वर्तमान का दर्पण है जीवन जीने की कला श्री राम कथा सिखाती है। जीव को भवसागर से पार करने का कार्य राम नाम करता है। श्री राम की पावन व कल्याणकारी कथा सुन श्रोता गढ़ भाव विभोर हो गए, इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।