हरदोई
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल की मंशानुरूप जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जनपद के आँगनबाड़ी केंद्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खण्ड के बाल विकास एवं पुष्टाहर कार्यालयों के माध्यम से आँगनबाड़ी केंद्रों के उपयोगार्थ चाइल्ड केयर किट रखी जाएगी। इससे आँगनबाड़ी केंद्रों बच्चों को स्वच्छ व सुसज्जित रखने व आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिक उपचार में मदद मिलेगी। केंद्रों पर वात्सल्य की एक झलक मिलेगी और यहाँ आने वाले बच्चों की बेहतर देखभाल हो सकेगी। इस किट में कंघा, तौलिया, लिक्विड डिटाल, सुई, धागा, चोट की दवा, बेबी सोप, नेल कटर, बैन्डेज, कॉटन, पट्टी व प्लास्टिक बॉक्स होगा। विदित हो कि 17 अगस्त 2024 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जनपद की आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों से संवाद किया था। इसी संवाद कार्यक्रम में उन्होंने केंद्रों पर कार्यकत्री व बच्चों के मध्य बेहतर सम्बन्ध विकसित करने व बच्चों की बेहतर देखभाल के उपाय सुझाये थे। केन्द्र पर रखी जाने वाली किट से बच्चे की आकस्मिकता की स्थिति में सहायता हो सकेगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्री और बच्चे के बीच वात्सल्य की भावना विकसित होगी। किट की उपलब्धता के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।
पहले चरण में 2 हज़ार केंद्रों को दी जायेगी किट
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में कार्यक्रम लखनऊ में संपन्न हुआ था जिसमें जनपद हरदोई की आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता और बाल विकास योजना के अधिकारियों ने भाग लिया था। उस कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल के निर्देश थे कि बच्चों में एक अच्छा संस्कार मिश्रित हो सके जो छोटे-छोटे बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों पर आते हैं वह अपने दैनिकचर्या के प्रति और जागरूक हो सके।एक मेडिकल किट अगर संभव हो सके तो जरूर प्रदान कराई जाए। महामहिम राज्यपाल के निर्देशानुसार जनपद में लगभग 3900 आंगनबाड़ी केंद्र है उन सब में मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी। पहले चरण में लगभग 2000 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मेडिकल किट पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं।इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि मेडिकल किट में जो सामग्री रखी गई है उसमें सुई धागा भी है बटन भी है नेल कटर भी है क्रीम भी है डेटोल साबुन है तेल है बहुत सारी वस्तुएं हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे कि बच्चों में एक अच्छे संस्कार मिश्रित हो सके जिससे बच्चे अच्छे और सभ्य नागरिक के रूप में अपने को विकसित कर पाएंगे।