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जयप्रकाश के लिए इस बार आसान नहीं है संसद की डगर

जयप्रकाश के लिए इस बार आसान नहीं है संसद की डगर


शाहाबाद हरदोई । हरदोई लोकसभा सुरक्षित में खामोशी के साथ चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है। भाजपा, सपा और बसपा के प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के बाद मतदाताओं से सीधे संपर्क में है लेकिन खामोशी की चादर ओढ़ कर साल 2024 के लोकसभा चुनाव के दो चरण संपन्न हो चुके हैं जिनमें कोई लहर इस बार नहीं दिखाई दी। मतदाता पूरी तरह से खामोशी हैं। मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूकता अभियान का असर भी कोई खास नहीं दिखा। हरदोई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में भी इस बार भाजपा प्रत्याशी और सांसद के लिए संसद की डगर पिछले चुनाव की तरह आसान नहीं है। मतदाताओं की खामोशी बेवजह नहीं है। हरदोई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और सांसद जयप्रकाश रावत ने मोदी लहर के चलते जीता था। इस चुनाव में जयप्रकाश रावत को 5,68,143 तथा गठबंधन प्रत्याशी ऊषा वर्मा को 4,35,669, कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार को 19,972 मत मिले थे। उस वक्त चुनाव में जबरदस्त मोदी लहर के चलते जयप्रकाश रावत 1,32,474 मतों से विजय श्री प्राप्त कर संसद भवन पहुंचे थे। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने इन्हीं चेहरों पर इस बार भी विश्वास जताकर चुनाव मैदान में उतारा है। लेकिन इस बार चुनाव में कोई लहर दिखाई नहीं दे रही है। खामोशी की चादर ओढ़ कर समय निकल रहा है और मतदान की तिथि नजदीक आ रही है। पिछले चुनाव की तरह मोदी लहर का भी इस बार असर नहीं दिख रहा है। भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश रावत, गठबंधन प्रत्याशी उषा वर्मा और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बी आर अंबेडकर नामांकन दाखिल करने के बाद मतदाताओं से सीधे संपर्क में हैं । भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कार्यकर्ता सम्मेलनों का सहारा लेकर अपने कार्यकर्ताओं को बूथ पर मजबूती से डटे रहने का संकल्प दिला रहे हैं। और कार्यकर्ताओं को निर्देशित भी किया जा रहा है कि अपने-अपने बूथ पर पूरी सक्रियता बनाए रखें और पार्टी का एक-एक वोट डलवाएं । इसके ठीक विपरीत समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूर्व सांसद उषा वर्मा मतदाताओं से सीधे संपर्क साध रही हैं। समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं हो रहा है। केवल जनता से सीधे संपर्क करके समाजवादी पार्टी प्रत्याशी और उनकी टीमें मैदान में है। मतदाताओं की खामोशी सबसे ज्यादा सत्ता दल से जुड़े लोगों में बेचैनी पैदा कर रही है। मतदाता का इस बार के लोकसभा चुनाव में दिलचस्पी न लेना कहीं ना कहीं शुभ संकेत नहीं लग रहा है। जिस आसानी से पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे इस बार उनकी लोकप्रियता में इजाफा की बजाय थोड़ी कमी आई है। पांच साल तक शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से अनुपस्थित भी कहीं ना कहीं आड़े आ रही है। विकास कार्यों के मामले में भी भाजपा प्रत्याशी ने सांसद रहते कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी की सक्रियता और उनके द्वारा किए गए विकास कार्य ही शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के लिए संजीवनी साबित हो रहे हैं। रविवार को स्टेशन रोड स्थित एक मैरिज हॉल में कार्यकर्ता सम्मेलन में आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री नितिन अग्रवाल और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी एक बार फिर कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करेंगे। कुल मिलाकर 2024 फतह करने के लिए सभी दलों के लोग पूरी कोशिश में हैं लेकिन इस बार कोई लहर न होने की वजह से जयप्रकाश रावत की संसद पहुंचने की डगर फिलहाल आसान नहीं है।

विधायक बने हैं संजीवनी

सूत्र बताते हैं भाजपा प्रत्याशी को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत दिलाकर विजय श्री का सेहरा बांधने की जिम्मेदारी पार्टी हाई कमान द्वारा सौंपी गई है। पार्टी हाई कमान के निर्देश पर क्षेत्रीय विधायक अपने विकास कार्यों के बलबूते चुनावी वैतरणी पार कराने की फिराक में है और कोई भी विधायक अपने नंबर घटाना नहीं चाहता है। भाजपा प्रत्याशी को भी विधायकों से पूरी उम्मीदें बंधी हैं।

कार्यकर्ताओं में किया जा रहा उत्साह का संचार

शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक और प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी लगातार कार्यकर्ताओं से संपर्क में है। कार्यकर्ता सम्मेलन में भी वह लगातार कार्यकर्ताओं में जोश भर रही हैं और भाजपा प्रत्याशी को हर हाल में जिताने का संकल्प ले रही हैं।

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