जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शुक्रवार को विश्व हाईपरटेंशन दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर आए लोगों की रक्तचाप की जांच की गई और इससे बचाव और नियंत्रण के उपाय बताए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया कि वर्तमान में भागदौड़ की जिंदगी और खराब जीवन शैली के कारण लोग हाइपरटेंशन का शिकार हो रहे हैं। इसके साथ ही शराब और धूम्रपान का सेवन भी सोने पे सुहागा का काम करता है । हार्ट अटैक आने का मुख्य कारण हाइपरटेंशन है । हाइपरटेंशन में रक्त वाहिनियों में रक्त का दबाव बढ़ा हुआ होता है । दबाव जितना अधिक होगा ह्रदय को उतनी अधिक क्षमता से पंप करना पड़ेगा। इससे बचाव बहुत जरूरी है क्योंकि हाइपरटेंशन अन्य बीमारियों का भी कारण बनता है। हाइपरटेंशन के लक्षणों को बताते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि सिर दर्द, सांस फूलना, थकान, उल्टियाँ, भ्रम, पसीना आना, छाती में दर्द आदि हाईपरटेन्शन के लक्षण हैं । इन लक्षणों को पहचाने और जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा न लें यह घातक साबित हो सकता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं । एल्कोहॉल और शराब से दूरी बनाएं । नियमित व्यायाम करें पैदल चलें, साइकिल चलाएं, व्यायाम करें और ध्यान लगाएं संतुलित और पौष्टिक भोजन करें, तला-भुना और कम से कम नमक का सेवन करें । सोने और जागने का समय नियमित करें, इसके साथ ही समय समय पर रक्तचाप की जांच कराएं और चिकित्सक द्वारा दी गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें अनावश्यक तनाव न लें।