लखनऊ। प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा दिये गये आदेश के क्रम में प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास द्वारा गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने तथा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने के सघ्ख्त निर्देश दिये गये है। गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि गन्ने की खेती में आर्टीफिशियल इन्टेलीजेन्स के उपयोग को बढावा दिया जाय ,जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों को सम्भावित कीट हमलों का पूर्वानुमान, फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी, मौसम पूर्वानुमान, पेड़ी प्रबंधन, उचित जल संचरण, सिंचाई में स्वचालन तकनीक, ड्रोन, मिट्टी के नमूने, डेटा विश्लेषण और फसल रोपण सहित विभिन्न कार्यों में तकनीकी सहायता से गन्ना किसानों को बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। गन्ना विभाग के अधिकारियों द्वारा चीनी मिल गेटों एवं गन्ना क्रय केन्द्रों पर सघन निरीक्षण अभियान चलाया जाये।
गन्ना किसान संस्थान में आयोजित समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त ने गन्ना मूल्य भुगतान पर प्रमुख सचिव को जानकारी देते हुये अवगत कराया कि विगत साढे छह वर्षों में 2,35,073 करोड़ का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों का कराया गया है। वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में अब तक14,200 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है, जो कुल देय
का लगभग 82 प्रतिशत है। 120 चीनी मिलों द्वारा लगभग 574 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुये अब तक लगभग 58 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था। वर्तमान में 44.40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 29.66 लाख हेक्टेयर हो गया है। पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना उत्पादकता 72.38 टन
प्रति हेक्टेयर थी। वर्तमान में 11.57 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि के साथ गन्ना उत्पादकता 83.95 टन प्रति हेक्टेयर हुई।समीक्षा बैठक में पेराई क्षमता विस्तार पर अवगत कराया कि प्रदेश में मार्च 2017 से अब तक 03 नई चीनी मिलों की स्थापना, 05 चीनी मिलों के पुर्नसंचालन एवं 38 चीनी मिलों में पेराई क्षमता विस्तार से 1,07,100 टीसीडी की अतिरिक्त पेराई क्षमता के सृजन से लगभग 1,17,810 लोगों के लिये प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है।इस बैठक में घटतौली पर अंकुश लगाने के लिये विभागीय अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी दिये गये। वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 गतिमान है। चीनी मिल गेटों व गन्ना क्रय-केन्द्रों पर गन्ने की खरीद की जा रही है। गन्ना खरीद को सुगम एवं पारदर्शी बनाने तथा अवैध गन्ना खरीद पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये मिल गेट एवं गन्ना क्रय केन्द्रों पर औचक निरीक्षण अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया है।परिक्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि इस अभियान में संयुक्त टीम बनाकर घटतौली तथा अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध विशेष अभियान चलाया जाये। तौल हेतु प्रयुक्त हो रहे वेब्रिजों एवं सॉफ्टवेयर में छेड़-छाड़ करने वाली संस्था पर भी पैनी निगाह रखते हुएतौल कांटों की शुद्धता, तौल लिपिकों के लाइसेंस, उनके पास पहचान पत्र की उपलब्धता तथा ईआरपी के माध्यम से तौल लिपिकों के रैण्डम स्थानान्तरण आदि बिन्दुओं पर भी निरीक्षण किया जाये।घटतौली पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों, तौल लिपिकों, चीनी मिलों एवं त्रुटिपूर्ण वेब्रिज तथा सॉफ्टवेयर निर्माताओं के विरूद्ध नियमानुसार कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। कृषकों से अपील की गयी है कि किसी भी वाह्य गन्ना क्रय केन्द्र एवं चीनी मिल गेट पर घटतौली की दशा में टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर सूचना दें, जिस पर तत्काल उचित कार्यवाही की जाएगी।