हरदोई
आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश को प्राप्त शिकायत व उनके द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में दीपक शर्मा, सहायक आयुक्त (औषधि) के नेतृत्व में एक टीम, जिसमें औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर और श्रीमती स्वागिता घोष (औषधि निरीक्षक, हरदोई) शामिल थे, ने सैंडीला में संचालित हो रहे दो मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की गई।खाद्य एवं औषधि विभाग के छापेमारी से मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया।कस्बों के कई मेडिकल स्टोर छापेमारी की सूचना के बाद अपनी दुकान का शटर बंद कर भाग गए।खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम द्वारा मेडिकल केयर हॉस्पिटल, काशीराम कॉलोनी मोड़, एस.के. कॉम्प्लेक्स, अतरौली रोड, सैंडीला के अंदर छापा मारा जहाँ से टीम को भारी मात्रा में औषधियाँ स्टॉक में पाई गई व बिक्री के लिए प्रदर्शित की गई थीं।यूपीएमसीएल से सरकारी आपूर्ति, फिजियन सैंपल नॉट फॉर सेल व अन्य संदिग्ध नकली औषधियाँ पाई गईं।निरीक्षण के समय उपस्थित व्यक्ति, आशीष कुमार ने बताया कि अस्पताल मोहम्मद समीर द्वारा चलाया जा रहा है, जो उस समय उपलब्ध नहीं थे।परीक्षण और विश्लेषण के लिए पांच औषधियों के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें एक संदिग्ध नकली एंटीबायोटिक टैबलेट भी शामिल है।दो सरकारी आपूर्ति एंटी बीओटीक इंजेक्शन।एक पैंटोप्राज़ोल इंजेक्शन।एक मेफ्टाल स्पैस इंजेक्शन (फिजिशियन सैंपल )।बाकी भंडारित 30,000 रुपये मूल्य की औषधियाँ जब्त की गईं।परीक्षण रिपोर्टों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत फर्म व संबंधित व्यक्ति के खिलाफ माननीय सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा.
मेडिकल स्टोर को मौके पर औषधि निरीक्षक हरदोई द्वारा किया गया सील
खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम द्वारा हेल्थ फार्मेसी मेडिकल स्टोर मेडिकल केयर हॉस्पिटल के पास से भारी मात्रा में एलोपैथिक औषधियाँ स्टॉक में पाई गईं।
एक व्यक्ति, कथित तौर पर समीर का भाई जिशान, उपस्थित था लेकिन निरीक्षण टीम को देखकर भाग गया।ऑनलाइन पोर्टल अनुसार इस नाम से मेडिकल स्टोर का कोई लाइसेंस निर्गत नहीं है।मेडिकल स्टोर को मौके पर औषधि निरीक्षक हरदोई द्वारा सील कर नोटिस चस्पा किया गया।नोटिस की प्रति संबंधित थाने में प्राप्त करा दी गई है।खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को परीक्षण और विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा।परीक्षण रिपोर्टों के आधार पर, फर्म और शामिल व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रासंगिक न्यायालय में वाद दर्ज किया जाएगा।सील बंद मेडिकल स्टोर की जांच कर नियमानुसार कार्यवाहि की जाएगी।