रिपोर्ट : अंकुर पाण्डेय
हमीरपुर : 13 दिनों से परिवार न्यायालय की पीठासीन अधिकारी की कार्यशैली से नाराज चल रहे अधिवक्ताओं ने सोमवार से क्रमिक अनशन करते हुए बस स्टैंड में नारेबाजी लगाते हुए चक्का जाम कर दिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं होती हैं तो वह 11 मार्च से आमरण अनशन करने पर मजबूर होंगे।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन हमीरपुर व प्रोग्रेसिव व प्रेक्टीसिंग डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन हमीरपुर द्वारा वर्तमान में परिवार न्यायालय हमीरपुर में नियुक्त पीठासीन अधिकारी की कार्यशैली व अधिवक्ताओं तथा वादकारियों के साथ अभद्रता करने से नाराज अधिवक्ता बीती 20 फरवरी से हड़ताल पर चल रहे हैं। वहीं बीती एक मार्च को अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल उच्च न्यायालय भी गया और पीठासीन अधिकारी की कार्यशैली के खिलाफ शिकायती पत्र दिया। लेकिन वार्ता विफल होने से नाराज अधिवक्ताओं ने सोमवार से अधिवक्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि 10 मार्च तक पीठासीन अधिकारी के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नही हुई तो 11 मार्च से अधिवक्ता आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे। अधिवक्ताओं के क्रमिक अनशन में लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, बाबूराम कुशवाहा, अश्विनी प्रजापति, हिमांशु श्रीवास्तव एवं अमित कबीर बैठे। इस मौके पर राजेंद्रवीर सिंह चौहान, फूलसिंह कुशवाहा, शैलेंद्र सचान, संदीप सिंह, दृगपाल, देवेंद्र शुक्ला, महिपाल प्रजापति, देवीप्रसाद शुक्ला, अरविंद सिंह आदि कई अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। वहीं अधिवक्ताओं ने कचहरी से पैदल मार्च निकालकर बस स्टैंड में जाम भी लगाया और नारेबाजी की।