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कानूनगो और प्रधान ने जिलाधिकारी के आदेश की उड़ाई धज्जियां, परेली ग्राम पंचायत में चरागाह, तालाब और नाले की जमीन पर कब्जा

कानूनगो और प्रधान ने जिलाधिकारी के आदेश की उड़ाई धज्जियां, परेली ग्राम पंचायत में चरागाह, तालाब और नाले की जमीन पर कब्जा

शाहाबादहरदोई । जिले की सबसे बडी तहसील शाहाबाद इस समय सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जेदारी को लेकिन काफी चर्चित है। तहसील क्षेत्र के परगना शाहाबाद क्षेत्र में कार्यरत राजस्व निरीक्षक कुलदीप यादव व उनके सहकर्मी लेखापालों के हलकों में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जेदारी का खेल तहसील प्रशासन की कृपा से खुलकर खेला जा रहा है। राजस्व निरीक्षक कुलदीप यादव के क्षेत्र का गांव परेली भी इस अवैध कब्जेदारी के खेल से अछूता नही है। कब्जेदारी के खेल को उजागर करते हुए परेली गांव के बाशिदोँ ने बताया कि हमारे यहाँ चरागाह, खलिहान, बँजर, नाला आदि जैसी सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर दबँगो ने कब्जा कर रखा है। गाटा सँ180/0.6320बँजर भूमि, गाटा सँख्या 425/1.3160,चरागाह, गाटा सँख्या 182/1.0120,खलिहान, खतौनी के खाता सँख्या 00693 मे अकित नाला रकवा, 1.5620 समेत तमाम जमीनो पर अवैध कब्जा किये हुये है। राजस्व निरीक्षक इन दबँगो के यहां आकर दावत उडाकर चले जाते है। लेकिन इन सरकारी जमीनों पर किये गये अवैध कब्जे पर कार्यवाही नही कर रहे है। जब कि गत 20 फरवरी को जिलाधिकारी मँगलाप्रसाद ने सभी चरागाह दस दिन खाली कराने के निर्देश दिये है। इसी के साथ प्रमुख सचिव उप्र शासन लखनऊ ने भूमाफियाओं पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु शासनादेश संख्या 402/1-2-2017-1/2017 जारी कर समस्त मण्डलायुक्तों व उपायुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को निर्देशित किया। उत्तर प्रदेश में शासकीय जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाये। शासनादेश में उल्लेख करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि तमाम राजनैतिक संरक्षण प्राप्त दबंग व स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर शासकीय जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं ऐसे मामलों को चिंहित कर प्रभावी कार्यवाही की जाये। इसके लिए मण्डल से लेकर तहसील स्तर तक टीमें गठित है। साथ ही सिविल अपील संख्या 4787/2001हिचलाल तिवारी बनाम कमलादेवी अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि जंगल, पहाड़, तालाब, चरागाह, खलिहान आदि की भूमि पर न तो कब्जा किया जा सकता है न ही कोई निर्माण कार्य किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि यदि तालाब, चरागाह, खलिहान आदि जैसी सुरक्षित भूमि पर कब्जे का कोई मामला है तो उसे तत्काल खाली कराकर तालाब का संरक्षण किया जाये। लेकिन यहाँ तहसील प्रशासन की कृपा से राजस्व निरीक्षक के खेल पर अँकुश नही लग पा रहा है।अभी हाल ही इस राजस्व निरीक्षक के अवैध कब्जेदारी के खेल का पर्दाफाश समाचार पत्रों की सुर्खियां जिसकी चर्चा तहसील क्षेत्र मे खूब हो रही है।फिलहाल जो हो लेकिन एक बार फिर यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी जमीनों के इस बडे कब्जेदारी के मामले में तहसील प्रशासन कार्यवाही करता है या फिर यह मामला उनकी मनमानी की भेंट चढ जायेगा। साथ ही यह भी देखना होगा कि उच्च न्यायालय व सरकार के शासनादेश व जिलाधिकारी के निर्देशो को उपजिलाधिकारी व जिलाधिकारी कितना इंप्लीमेंट करा पाते है, या तहसीलदार सब पर भारी पड जायेगे।

क्या बोले राजस्व निरीक्षक ?
क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक कुलदीप यादव का कहना है चारागाह, नाला, खलिहान आदि की जमीन पर कब्जा किए जाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। लेखपाल से पूरी जानकारी करेंगे तब स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

रामप्रकाश राठौर

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