Graminsaharalive

Top News

कमीशन के खेल में लूट रहें अभिभावक, निजी स्कूल नियमों की कर रहें अनदेखी, ज़िम्मेदार मौन

कमीशन के खेल में लूट रहें अभिभावक, निजी स्कूल नियमों की कर रहें अनदेखी, ज़िम्मेदार मौन

हर साल स्कूल प्रशासन अभिभावकों की जेब पर डाका डालने का काम कर रहा है। निजी स्कूलों को सरकार की गाइडलाइन और सरकार के निर्देशों का पालन करना नहीं आता है।एक ओर जहां बड़े-बड़े स्कूल नियम और डिसिप्लिन की बात करते हैं वहीं खुद स्कूल प्रशासन सरकार के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 3 साल तक कोर्स नहीं बदला जा सकता लेकिन अच्छे मुनाफे की खातिर सरकार की सभी गाइडलाइन निजी स्कूल संचालक ताक पर रख चुके हैं जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। स्कूल ड्रेस से लेकर कॉपी किताबों तक पर दाम एकदम फिक्स है और हर स्कूल की किताब और ड्रेस स्कूल प्रशासन के चहते लोगों के यहां ही मिलेंगे हालांकि इस पर भी सरकार आदेश दे चुकी है लेकिन मुनाफे के ख़ातिर सारे नियम कायदे कानून इंग्लिश मीडियम स्कूलों ने ताक पर रख दिए हैं। स्कूल की कॉपी किताबों में मुनाफाखोरी इतनी है कि एक मध्यम व गरीब वर्ग परिवार अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने की अब सोच भी नहीं सकता है। इंग्लिश मीडियम स्कूलों का यह हाल इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि कई राजनेताओं बड़े उद्योगपतियों के बड़े-बड़े स्कूल चल रहे हैं जिस पर प्रशासनिक अधिकारी भी कार्रवाई करने से बचते रहते हैं।

हरदोई में इस दुकान पर लगा है अभिभावकों का मेला

हरदोई के कई ऐसे नामी स्कूल है जहां हर मां बाप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पढ़ना चाहता है।इसी का फायदा उठाकर स्कूल अभिभावकों का शोषण प्रतिवर्ष करता रहा है। हरदोई में अभिभावक संघ होने के बाद भी इस पर कोई भी आवाज नहीं उठ रही है। आवाज उठती भी है तो उस पर कुर्सियों पर बैठे जिम्मेदार कोई भी कार्यवाही नहीं करते हैं। हरदोई में नामी स्कूल अच्छे कमिशन को लेकर प्रतिवर्ष बच्चों का कोर्स बदल दे रहे हैं।इस वर्ष भी कई स्कूलों ने बच्चों के कोर्स को बदल दिया। ऐसे में अभिभावकों को होली के त्यौहार के बाद कॉपी किताबें में अच्छे दाम खर्च करने पड़ रहे हैं। नामी स्कूलों में क्लास फर्स्ट से लेकर और दसवीं तक की किताबों की बात की जाए तो 6000 से ₹10000 अभिभावकों को खर्च करने पड़े रहे हैं।स्कूल प्रशासन की मनमानी इस कदर हावी है कि उनके स्कूलों की कॉपी किताब सिर्फ उनके द्वारा चुनी गई दुकानों पर ही उपलब्ध होगी बाकी किसी भी दुकान पर उस स्कूल के कॉपी किताब उपलब्ध नहीं होगी। ऐसे ही नघेटा रोड स्थित यूनिवर्सल ट्रेडर्स पर इन दिनों अभिभावकों का मेला देखने को मिल रहा है।यह मेला अभिभावकों की मजबूरी और लाचारी को प्रदर्शित कर रहा है। अभिभावक घंटों प्रतीक्षा कर नामी स्कूल की कॉपी किताबें यूनिवर्सल ट्रेडर्स के यहाँ से खरीद रहे हैं।अभिभावक का मेला इस बात का भी प्रतीक है कि उन नामी स्कूलों की कॉपी किताबें अन्य दुकानों पर उपलब्ध नहीं है। यदि आप किसी अन्य कॉपी किताब की दुकान पर संबंधित स्कूल की कॉपी किताबें खरीदने जाते हैं तो वहां आपको मना कर स्कूल द्वारा गुपचुप तरीके से अधिकृत की गई दुकानों को बता दिया जाता है। ऐसे में अधिकृत पुस्तक विक्रेता और स्कूल प्रशासन अच्छा कमीशन कमा रहा है वहीं अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के खातिर अपनी जेब पर डाका डलवा रहा है। देखने वाली बात यह होगी कि इन सब के बाद क्या जिम्मेदार कोई कार्रवाई करेंगे या यूं ही जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!