पाली। मनुष्य को कभी अहंकार नही करना चाहिए क्योंकि अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु भी अहंकार ही है। यह बातें वृंदावन से पधारे कथा व्यास खुशीराम महाराज ने पाली नगर में चल रहे तृतीय लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के तीसरे दिन के सत्संग व प्रवचन के दौरान कहीं।
मंगलवार को महायज्ञ के तीसरे दिन के सत्संग-प्रवचन के दौरान कथा व्यास खुशीराम महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जमोत्सव का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब धरती पर अधर्मी कंस का अत्याचार बढ़ गया तो उसे मिटाने के लिए भगवान श्री कृष्ण को धरती पर अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भव्य सता रहा था। भगवान की लीला वह स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भी प्रसंग सुनाया। कृष्णजन्म लीला की कथा के दौरान पूरा पंडाल जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान शिवम तिवारी, राहुल वाजपेयी, अनूप वाजपेयी, अजय गुप्ता, अखिलेश्वर त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।
अहंकार बुद्धि व ज्ञान का हरण कर लेता है – खुशीराम महाराज
