रिपोर्ट: मृदुल श्रीवास्तव ‘एडवोकेट’
हरदोई। 6 वर्षीय मासूम बच्ची से बलपूर्वक दुष्कर्म करने के आरोप सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश हेमेंद्र कुमार सिंह ने आरोपित विनोद के कृत्य को अत्यंत जघन्य बताते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा दी है जो उसके शेष प्राकृत जीवन तक चलेगी। इसके अतिरिक्त न्यायाधीश ने अभियुक्त को पचास हजार रुपये अर्थदण्ड के रूप में जमा करने का भी आदेश दिया है जो पीड़िता को दिया जायेगा। अभियोजन पक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार वादी मुकदमा की 6 वर्षीय बच्ची 29 सितम्बर 2023 को दिन में 1 बजे उसके घर के निकट बने सरकारी अस्पताल के पास खेल रही थी। तभी अभियुक्त विनोद उर्फ बाबा आयु 30 वर्ष पुत्र रामवीर निवासी ग्राम सैतियापुर थाना सांडी बच्ची को रुपये का लालच देकर अस्पताल में लिवा ले गया और वँहा एक कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद अभियुक्त बच्ची को रक्तरंजित अवस्था में वंही छोड़ कर भाग गया। घटना की वादी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपपत्र प्रेषित किया। मुकदमा न्यायालय में पँहुचने पर 22 दिसम्बर 2023 को अभियुक्त के विरुद्ध आरोप विरचित किये गए और अभियोजन पक्ष की ओर से वादी , चिकित्सक डॉ जगदीश प्रसाद व डॉ प्रियंका एवं विवेचक सुरेश कुमार मिश्रा सहित कुल 9 गवाह पेश किए गए। साक्ष्य प्रस्तुततीकरण के बाद विशेष लोक अभियोजक अनुराग श्रीवास्तव एवं बचाव पक्ष के तर्कों का अनुशीलन करने के बाद विद्वान न्यायाधीश श्री सिंह ने अभियुक्त के कृत्य को जघन्य श्रेणी का बताते हुए उसे पचास हजार रुपये के अर्थदण्ड के साथ शेष प्राकृत जीवन के लिए आजीवन कारावास की सजा दी। न्यायाधीश ने अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को दिये जाने का भी आदेश पारित किया। इस मुकदमे की विशेषता यह रही कि आरोप बनने के बाद विशेष लोक अभियोजक अनुराग श्रीवास्तव की त्वरित पैरवी के चलते मात्र 8 माह में गवाही से लेकर बहस तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी हो गई और मुकदमे का निर्णय हो गया।