हरदोई
शहर में प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान का छठा दिन है।एक दिन के विराम के बाद शुरू हुए अभियान के बाद भी अतिक्रमणकारियों ने नहीं हटाया अतिक्रमण।अतिक्रमण हटाने के लिए नगर मजिस्ट्रेट एसके त्रिवेदी नगर पालिका ईओ विनोद कुमार सोलंकी नगर पालिका कर्मचारी और पुलिस बल के साथ शहर के नुमाइश चौराहे पहुंचे जहां से अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हुई।अभियान की शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि नगर मजिस्ट्रेट अपने पुराने रुख के मुताबिक अभियान चलाएंगे क्योंकि 4 सितंबर को जिस तरह से नगर मजिस्ट्रेट ने बड़े प्रतिष्ठानों को मोहलत दी थी उसके बाद प्रशासन के इस अभियान पर सवाल खड़े हो गए थे।इसको लेकर माना जा रहा था कि शुक्रवार को शुरू हुए अभियान में किसी को भी मोहल्ला नहीं मिलेगी लेकिन जिला प्रशासन का अतिक्रमण अभियान एक बार फिर गरीबों के लिए अभियान साबित हुआ जबकि इस बार भी सभी बड़े प्रतिष्ठानों को जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा मोहलत दे दी गई। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कुछ फुटपाथ पर बनी दुकानों को नगर पालिका ने स्वीकृति दे रखी थी ऐसे में फुटपाथ पर परिक्रमण करें लोगों पर भी की कार्यवाही नहीं की गई।
जब हुआ प्रचार तो क्यों मिल रही मोहलत, कही राजनीतिक दवाब तो नहीं
शहर के नुमाइश चौराहे से लेकर सोल्जर बोर्ड चौराहे तक शुरू हुआ अतिक्रमण अभियान महज़ खाना पूर्ति भरा रहा। गरीब के खोखे के बाहर नाले के ऊपर पड़े तख्ते को तो जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बलपूर्वक हटवा दिया जबकि बड़े होटल और प्रतिष्ठानों को एक बार फिर प्रशासन द्वारा मोहलत दे दी गई। इस मार्ग पर कई बड़े नामचीन होटल व प्रतिष्ठान है साथ ही पेट्रोल पंप भी हैं। नुमाइश चौराहे से लेकर सोल्जर बोर्ड चौराहा तक जाम से घिरा रहता है। मार्ग के दोनों और फुटपाथ पर निजी बसों का कब्जा रहता है। ऐसे में इस मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रहती है। प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ अभियान को देखते हुए निजी बस गायब नजर आई साथ ही जिला प्रशासन से मोहलत लेने के लिए बड़े प्रतिष्ठानों और होटल संचालकों ने जगह-जगह नाले के ऊपर सफाई के लिए स्थान बनवाकर प्रशासन से मोहलत मांगी। जिला प्रशासन के अधिकारियों का रवैया अब दिन पर दिन विनम्र होता जा रहा है।अतिक्रमण हटाओ अभियान अब केवल खाना पूर्ति भर का अभियान रहकर साबित हो गया है। इस अभियान में केवल गरीब की दुकान चपेट में आ रही हैं जबकि बड़े प्रतिष्ठान अपनी पहुंचे के चलते मोहलत लेने में कामयाब हो जा रहे हैं। जिला प्रशासन के दो तरफा कार्यवाही से गरीबों में प्रशासन के विरुद्ध नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जब गरीब लोगों के खोखे और दुकानों पर बुलडोजर चल सकता है तो बड़े प्रतिष्ठानों को क्यों छोड़ा जा रहा है। नगर पालिका की ओर से सभी को बराबर समय अतिक्रमण हटाने के लिए दिया गया था। जब इस बात को लेकर छोटे दुकानदारों पर कार्यवाही हो सकती है तो बड़ों पर मेहरबानी प्रशासन क्यों कर रहा है।