हरदोई। अखिल भारतीय पासी महासभा के पदाधिकारीयो ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर प्रदर्शन किया है। पासी महासभा के लोगों ने महाराजा सलीहा पासी के नाम को कूटरचित तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
पासी महासभा के नेता ने बताया कि महाराजा सलीहा पासी समाज से आते हैं, जबकि अर्कवंशी समाज के लोग जो क्षत्रिय समाज से आते हैं उनके नाम का इस्तेमाल कर उनको क्षत्रिय बनाने का काम कर रहे जो कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 की उप धारा एक फ़ के अनुसार अपराध है। इसके अलावा संगठन के लोगों ने संडीला की विधायक पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है।
कलेक्ट्रेट में पहुंचे अखिल भारतीय पासी महासभा के प्रदेश सचिव रामबाबू पासी ने बताया कि संडीला विधानसभा में जिन महाराज सलीहा के नाम से अर्कवंशी समाज के लोग मूर्ति स्थापित कर कर सियासत कर रहे हैं, दरअसल महाराज सलिहा पासी समाज से आते हैं। उन्होंने कहा जिस राजा सलिहा पासी को पासी जाति ती श्रद्धा और आदर के साथ मनाती है यह कूटरचना और नाम विद्रोपीकरण अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 की उप धारा एक एफ के अनुसार दंडनीय अपराध है। उन्होंने अपराधकर्ता क्षत्रिय जाति से आते हैं। इसलिए महाराजा सलिहा के नाम के आगे सिंह और अर्कवंशी उप नाम लिख रहे, उन्होंने मांग की इसको तत्काल हटाकर पासी लिखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा संडीला में लगाई गई राजा सालिया की मूर्ति को कभी भी किसी सरकारी अधिकारी या नेता ने अनावरण नहीं किया। जो जून 2006 से विवादित की स्थिति में मौजूद रही है, पासी जाति का उस समय से विरोध करता चला रहा है। इस कार्य में सरकारी जमीन पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया जो जांच का विषय है। इसके अलावा उन्होंने संडीला के विधायक अलका सिंह अर्कवंशी द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग और सरकारी भूमि के मालिकाना हकों की विधिवत जांच कराए जाने की मांग की है।